Posted: January 27, 2020
कार्यक्रम प्रबन्ध समिति के गठन के साथ ही 2021 (Assembly 2021) में इण्डोनेशिया में आयोजित विश्व सम्मेलन में बाधाओं को पार करने की तैयारी आरम्भ हो चुकी है। मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस के सबसे बड़े आयोजन की गतिविधियों और कार्यक्रम सारिणी तैयार करने के लिए नियुक्त किए गए ये अवैतनिक भाई बहन पाँच अलग अलग महाद्वीपों से लिए गए हैं और इनकी आयु 20 से लेकर 70 वर्ष तक की है।
छह सदस्य कार्यक्रम समिति की बैठक इण्डोनेशिया में 1-5 नवम्बर 2019 तक सम्पन्न हुई जिसमें प्रतिदिन के लिए अलग अलग प्रमुख विषय निर्धारित किए गए और कार्यक्रमों की योजना तैयार करना आरम्भ किया गया, जिससे कि सेमरांग में, 6-11 जुलाई 2021 तक आयोजित विश्व सम्मेलन में भाग लेने वाले भाई बहनों को प्रेरित किया और उन्हें एक दूसरे से जोड़ा जा सके।
नतालिया फ्रिस्क कहती हैं, “यह एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है कि हमारी सारी भोगौलिक सीमाओं के बावजूद किस तरह से, हमारी टीम हमारी राष्ट्रीय बाधाओं को पार करते हुए यीशु के पीछे चलने के लिए साथ मिलकर कार्य कर पा रही है।”
आयु की बाधाएं भी एक विचारणीय विषय है।
युवाओं को लग सकता है कि उन्हें महत्वपूर्ण निर्णय प्रक्रियाओं और नेतृत्व में शामिल नहीं किया जाता है, तथा कलीसिया का सिर्फ एक अभिन्न अंग मान लिया जाता है। जार्डले मार्टिनेज कहती हैं, “यह एक चुनौती और आशा दोनों है कि युवा एक ऐसी कलीसिया का अंग बन सके जिस प्रकार की कलीसिया की वे कल्पना करते हैं, समुदाय में अपने वरदानों को पहचान कर उन्हें दूसरों के साथ बाँट सकें, और विश्व भर के अन्य ऐनाबैपटिस्ट युवाओं से सीखने और आदान प्रदान करने के लिए उन्हें एक मंच मिल सके।”
प्रमुख विषय
कार्यक्रम समिति द्वारा सम्मेलन के दौरान हर दिन के लिए एक एक मूल विषय ठहराया हैः
- मंगलवार, आरम्भिक आराधनाः यीशु के पीछे एक दूसरे के साथ मिलकर बाधाओं के पार चलें
- बुधवार, यीशु के पीछे चलें - साथ मिलकर सीखते हुए
- गुरूवारः यीशु के पीछे चलें - साथ मिलकर रहते हुए
- शुक्रवारः यीशु के पीछे चलें - साथ मिलकर सुधि लेते हुए
- शनिवारः यीशु के पीछे चलें - साथ मिलकर उत्सव मनाते हुए
- रविवारः साथ मिलकर यीशु के पीछे चलें
बेन्जामीन बेरगे कहते हैं, “इन विषयों में शिष्यता, शान्ति, और मेलमिलाप की शिक्षाओं को साथ पिराया गया है, और हमें सुनने, सीखने, और एक दूसरे की भावनाओं को समझने और समझाने का अवसर प्रदान किया गया है।”
पाँच (उत्तर अमरीका, लैटिन अमरीका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका) में से हर महाद्वीप को एक एक दिन अपने अपने महाद्वीप के सन्दर्भ में कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा। रविवार के दिन अर्न्तराष्ट्रीय सन्दर्भ और रिन्यूवल 2027 आयोजन को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों को संचालित किया जाएगा।
प्रतिदिन की गतिविधियों का आरम्भ गीत संगीत के साथ होगा, और फिर दो वक्ताओं के द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे जिनमें से एक युवा वर्ग से होगा। इसके बाद, सभी प्रतिभागी छोटे छोटे समूहों में बँटकर सहभागिता करेंगे।
युवा और किशोर वर्ग के लिए अलग समूह में सभाएं संचालित की जाएंगी और शाम को अलग से एक पूर्ण सत्र आयोजित किया जाएगा, इसके बाद देर रात की गतिविधियों में भी वे स्वेच्छा से भाग ले सकेंगे।
बच्चों के कार्यक्रम सुबह के गीत संगीत के बाद आरम्भ होंगे और रात्रि भोजन से ठीक पहले समाप्त होंगे।
दिसम्बर 2020 से सम्मेलन के लिए रजिस्ट्रेशन आरम्भ हो जाएगा।
इस्तिफानोस गेडलु कहते हैं, “सम्मेलन में, हम संसार भर की भिन्न भिन्न संस्कृतियों के लोग एक साथ एकत्रित होंगे। उस यीशु के पीछे चलने की खूबसूरती का अनुभव करना रोमांचक होगा जिसने बाधाओं और अलग करने वाली दीवारों का ध्वस्त कर दिया।”
सम्मेलन के लिए कार्यक्रम प्रबन्ध समिति के सदस्य
- बेंजामीन बेरगे (यूएसए) - संगीत
- फ्रेयडर बोल्लर (जर्मनी) - पूर्ण सत्र/सामूहिक सत्र
- नतालिये फ्रिस्क (कनाडा) - बालक बालिका वर्ग
- एस्तिफानोस गेडलु (इथोपिया) - कार्यशालाएं
- जार्डले मार्टिनेज (कोलम्बिया) - युवा और किशोर
- जेस्सिका मोण्डल लकरा (भारत) - ग्लोबल चर्च विलेज
- मेनोनाइट वर्ल्ड काँफ्रेंस विज्ञप्ति
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